इस नफरत की दुनिया में, कौन अपना कौन बेगाना है ?
जब खुदा ने तोडा है भरोसा मेरा , फिर किसे आजमाना है
अब वो चेहरा घुमाकर गुजर जाते हैं बगल से
कहते थे जो , ये दिल आपका दीवाना है
ये फूल कलियाँ वो चाँद सितारे, बैठते थे आकार पास हमारे
अब ये भी उखड़े - उखड़े हैं, बेरंग सारा जमाना है !
क्यों सजा रखे हो दर्दो की दुकान मेरे रकीबो ?
बाहें खुली है शाकी की , और सामने मयखाना है !
मोहब्बत जताना , दो पल हँसा कर उम्र भर रुलाना
मत पूछ मेरे महबूब का ये अंदाज बहुत पुराना है!
इरादा तो उनका पहले से था, आइना तोड़ने का रवि
ओह! हाथ से छुट गया , ये तो एक बहाना है !