बहुत समय से ब्लॉग जगत से दूर हूँ ! जून २०१२ में शादी हो गई , और समय सुरु हुवा भागने का बस भागते जावो क्यों कि जिंदगी एक रेश है ! तब तक मई २०१३ में ईस्वर ने हमारी गोंद में एक "राजकुमार" भी ड़ाल दिया :) और कहा , सांसारिक संरचना पूरी हुई रवि अब लग जावो इन्हे सवारने में ! जिंदगी कितनी तेजी से पीछे छूटती जाती हे इसका अहसास भी नहीं होता , बस किसी रोज चाय का एक प्याला लेकर खड़े हो जाइये साँझ को दलानी में और खो जाइये अपने अतीत में, मुझे वो दिन याद आ रहा है जब मम्मी स्कूल का बैग लेकर रिक्शा तक पहुचानें जातीं थीं ! जेसे लगता हे अभी कल कि ही बात हे , कल तक मैं बच्चा था आज मेरा भी बच्चा है , बड़े होने पर बहुत सी उलझने दी है इस जिंदगी ने तो कुछ अनमोल खुशियां भी दी है ! में फिर लौट रहा हूँ किताबों कि तरफ , अभी के सिर्फ इतना ही :) :)
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मै अपनी जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा जी रहा हूँ !
हाँ मैं अपने बेटे के साथ अपना बचपन जी रहा हूँ !!
19 मई २०१३ को हमारी दुनिया में आया हमारा "राजकुमार" …… :) नाम हे अवि राजभर !
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हमारी धर्मपत्नी श्रीमती ऐना राजभर :) |
मेरा क्या आप सभी लोग जानते हैं :) :) :)
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जवाब देंहटाएंwelcome back :) & contrats 4 all :)
जवाब देंहटाएंcontrats 4 all :)
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