शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

नमन उस शहीद को जिसने हजारो जिंदगीया बचाई ...!!!!!

 बात अभी कल की ही है (04-०८-२०११) हालाँकि आप  सभी  तक न्यूज़ चैनलो  के माध्यम से खबर पहुँच भी गई होगी...! जी हाँ मै कल हुवे विमान हादसे की बात कर रहा हूँ.... !
नागपंचमी  का दिन ही था मै शहर से गाव गया  था खाने पिने के बाद मै अपने दोस्त के   साथ   घुमने    निकल गया..
हम bike से थे  समय हो रहा था १२:१० ,,, घटना स्थल से १ किलोमीटर की दुरी पर ही थे उस वक़्त विमान काफी निचे था और अपना संतुलन खो रहा था.... हलाकि drive मै ही कर था मैने स्पीड बड़ा दी   और   कुछ   नजदीक पहुँच गए....विमान गाव  के ऊपर ही गिर रहा था pahale तो कुछ ही ऊंचाई पर विमान कई  बार कलटिया मारा
विमान के पिछले हिस्से से आग की लम्बी लपटे निकल रही थी और विमान सीधा गाव की  आबादी  में ही गिर रहा था.
ऐसे में पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय ने जो किया वो रूह  कपा  देने वाला था..... उन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुवे खुद को विमान से इजेक्ट करने की बजाय ढिलई गाव (जो हमारे गाव से कुछ किलोमीटर की दुरी पर है ) के हजारो गाव वालों  की जान बचाने का सफल प्रयास करने लगे ...!
और उन्होंने न तो विमान पर न खुद पर ही  नियंत्रण  खोया  और आबादी में गिर रहे विमान को  पोर्ट साइड (बाये) आबादी से दूर ले गए ......  इसी समय विमान बिजली के ११००० bolt  के पोल   से टकरा गया और पहले से ही जल रहे विमान में आग लग गई... इस जगुआर विमान में दुनिया की सबसे भरोसे मंद इजेक्सन शीट बनाने वाली कंपनी  " मार्टिन बेकिंग " की शीट लगी थी जो जेरो ऊंचाई से भी इजेक्ट हो सकती है..जिसकी सफलता दर ९९.९९५ फीसदी बताई जाती है. 
इस जाबांज ने जगुआर विमान के पोल से टकराने के बाद भी ऊँचा उठाया ..... जो अब संभव नहीं था और विमान एक पीपल के पेड़  से टकरा गया और विमान के परखचे उड़ गए और एक इतना जोर धमाका हुवा की लगा आसमान फट गया... और विमान के टुकडे १-२ किलोमीटर की दूरियों पर गिरते हुवे साफ़ deikhai दे रहे थे..
इसी के चपेट में आकर बगल के खेत में अपने माता - पिता के साथ कम कर रही रोमा साहनी ने अपनी जान मौके पर ही  गवा दिया..!
सब कुछ इतना जल्दी हुवा की हम लोगो की रूह काप गई .... दुर्घटना के बाद सिद्धार्थ के साथी पायलट अपने -२ विमान लेकर दुर्घटना  स्थल   का चक्कर काटने  लगे जो सिद्धार्थ के साथ ही गोरखपुर से उड़े थे..!

बताते चले की गोरखपुर से पायलटो की training होती है जो हमरे यहाँ   से 70 किलोमीटर की दुरी पर है
और पायलट सिद्धार्थ अभी १ august को ही गोरखपुर आये थे...!
भारतीय वायु सेना की फुर्ती और तेजी  पर मुझे आश्चर्य हुवा, विमान दुर्घटना के १५ minut बाद की   एक वायु सेना का हेलीकाप्टर मय अधिकारियो के साथ सीधा मौके पर आकर उतर गया... सायद ऊपर  चक्कर लगा रहे साथी विमानों ने कंप्यूटर से हेलिकोप्टर को दिशा  का सही संकेत दे दिया था.
अब समय था  इस जाबांज के पार्थिव शरीर के अंगो को खोजने का ....!
ओह !!  आँखों से आंशु आगये..और सब नाम आँखों से उन्हें तलास रहे थे..!
पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय अपने माता पिता की इकलौते बेटे थे ... और एक bahan के इकलौते  भाई !
वो allahabad के थे .. inke पिता  श्री अभय नारायण पाण्डेय IIT गोंडा में finance अफसर hain !
उन  हजारो लोगो के साथ हमारी संवेदनाये इस शोकाकुल  परिवार के साथ है..!
आपको उन हजारो हाथे से सलाम और हजारो सिरों को झुका कर नमन है ....!
आप सौ बार इस दुनिया में जनम लेवे.........!!
 
जुगो जुगो तक आप की वीरता याद करेंगे..
उन हजारो हाथे से चरणों  में सुमन अर्पित करेंगे..!
हर बार भिगेंगी पलके हमारी ...
आप जब जब ज़माने को याद आएंगे  ...!!