बात अभी कल की ही है (04-०८-२०११) हालाँकि आप सभी तक न्यूज़ चैनलो के माध्यम से खबर पहुँच भी गई होगी...! जी हाँ मै कल हुवे विमान हादसे की बात कर रहा हूँ.... !
नागपंचमी का दिन ही था मै शहर से गाव गया था खाने पिने के बाद मै अपने दोस्त के साथ घुमने निकल गया..
हम bike से थे समय हो रहा था १२:१० ,,, घटना स्थल से १ किलोमीटर की दुरी पर ही थे उस वक़्त विमान काफी निचे था और अपना संतुलन खो रहा था.... हलाकि drive मै ही कर था मैने स्पीड बड़ा दी और कुछ नजदीक पहुँच गए....विमान गाव के ऊपर ही गिर रहा था pahale तो कुछ ही ऊंचाई पर विमान कई बार कलटिया मारा
विमान के पिछले हिस्से से आग की लम्बी लपटे निकल रही थी और विमान सीधा गाव की आबादी में ही गिर रहा था.
ऐसे में पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय ने जो किया वो रूह कपा देने वाला था..... उन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुवे खुद को विमान से इजेक्ट करने की बजाय ढिलई गाव (जो हमारे गाव से कुछ किलोमीटर की दुरी पर है ) के हजारो गाव वालों की जान बचाने का सफल प्रयास करने लगे ...!
विमान के पिछले हिस्से से आग की लम्बी लपटे निकल रही थी और विमान सीधा गाव की आबादी में ही गिर रहा था.
ऐसे में पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय ने जो किया वो रूह कपा देने वाला था..... उन्होंने अपने जान की परवाह न करते हुवे खुद को विमान से इजेक्ट करने की बजाय ढिलई गाव (जो हमारे गाव से कुछ किलोमीटर की दुरी पर है ) के हजारो गाव वालों की जान बचाने का सफल प्रयास करने लगे ...!
और उन्होंने न तो विमान पर न खुद पर ही नियंत्रण खोया और आबादी में गिर रहे विमान को पोर्ट साइड (बाये) आबादी से दूर ले गए ...... इसी समय विमान बिजली के ११००० bolt के पोल से टकरा गया और पहले से ही जल रहे विमान में आग लग गई... इस जगुआर विमान में दुनिया की सबसे भरोसे मंद इजेक्सन शीट बनाने वाली कंपनी " मार्टिन बेकिंग " की शीट लगी थी जो जेरो ऊंचाई से भी इजेक्ट हो सकती है..जिसकी सफलता दर ९९.९९५ फीसदी बताई जाती है.
इस जाबांज ने जगुआर विमान के पोल से टकराने के बाद भी ऊँचा उठाया ..... जो अब संभव नहीं था और विमान एक पीपल के पेड़ से टकरा गया और विमान के परखचे उड़ गए और एक इतना जोर धमाका हुवा की लगा आसमान फट गया... और विमान के टुकडे १-२ किलोमीटर की दूरियों पर गिरते हुवे साफ़ deikhai दे रहे थे..
इसी के चपेट में आकर बगल के खेत में अपने माता - पिता के साथ कम कर रही रोमा साहनी ने अपनी जान मौके पर ही गवा दिया..!
सब कुछ इतना जल्दी हुवा की हम लोगो की रूह काप गई .... दुर्घटना के बाद सिद्धार्थ के साथी पायलट अपने -२ विमान लेकर दुर्घटना स्थल का चक्कर काटने लगे जो सिद्धार्थ के साथ ही गोरखपुर से उड़े थे..!
बताते चले की गोरखपुर से पायलटो की training होती है जो हमरे यहाँ से 70 किलोमीटर की दुरी पर है
और पायलट सिद्धार्थ अभी १ august को ही गोरखपुर आये थे...!
भारतीय वायु सेना की फुर्ती और तेजी पर मुझे आश्चर्य हुवा, विमान दुर्घटना के १५ minut बाद की एक वायु सेना का हेलीकाप्टर मय अधिकारियो के साथ सीधा मौके पर आकर उतर गया... सायद ऊपर चक्कर लगा रहे साथी विमानों ने कंप्यूटर से हेलिकोप्टर को दिशा का सही संकेत दे दिया था.
अब समय था इस जाबांज के पार्थिव शरीर के अंगो को खोजने का ....!
ओह !! आँखों से आंशु आगये..और सब नाम आँखों से उन्हें तलास रहे थे..!
पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय अपने माता पिता की इकलौते बेटे थे ... और एक bahan के इकलौते भाई !
वो allahabad के थे .. inke पिता श्री अभय नारायण पाण्डेय IIT गोंडा में finance अफसर hain !
उन हजारो लोगो के साथ हमारी संवेदनाये इस शोकाकुल परिवार के साथ है..!
आपको उन हजारो हाथे से सलाम और हजारो सिरों को झुका कर नमन है ....!
आप सौ बार इस दुनिया में जनम लेवे.........!!
जुगो जुगो तक आप की वीरता याद करेंगे..
उन हजारो हाथे से चरणों में सुमन अर्पित करेंगे..!
हर बार भिगेंगी पलके हमारी ...
आप जब जब ज़माने को याद आएंगे ...!!
इस जाबांज ने जगुआर विमान के पोल से टकराने के बाद भी ऊँचा उठाया ..... जो अब संभव नहीं था और विमान एक पीपल के पेड़ से टकरा गया और विमान के परखचे उड़ गए और एक इतना जोर धमाका हुवा की लगा आसमान फट गया... और विमान के टुकडे १-२ किलोमीटर की दूरियों पर गिरते हुवे साफ़ deikhai दे रहे थे..
इसी के चपेट में आकर बगल के खेत में अपने माता - पिता के साथ कम कर रही रोमा साहनी ने अपनी जान मौके पर ही गवा दिया..!
सब कुछ इतना जल्दी हुवा की हम लोगो की रूह काप गई .... दुर्घटना के बाद सिद्धार्थ के साथी पायलट अपने -२ विमान लेकर दुर्घटना स्थल का चक्कर काटने लगे जो सिद्धार्थ के साथ ही गोरखपुर से उड़े थे..!
बताते चले की गोरखपुर से पायलटो की training होती है जो हमरे यहाँ से 70 किलोमीटर की दुरी पर है
और पायलट सिद्धार्थ अभी १ august को ही गोरखपुर आये थे...!
भारतीय वायु सेना की फुर्ती और तेजी पर मुझे आश्चर्य हुवा, विमान दुर्घटना के १५ minut बाद की एक वायु सेना का हेलीकाप्टर मय अधिकारियो के साथ सीधा मौके पर आकर उतर गया... सायद ऊपर चक्कर लगा रहे साथी विमानों ने कंप्यूटर से हेलिकोप्टर को दिशा का सही संकेत दे दिया था.
अब समय था इस जाबांज के पार्थिव शरीर के अंगो को खोजने का ....!
ओह !! आँखों से आंशु आगये..और सब नाम आँखों से उन्हें तलास रहे थे..!
पायलट सिद्धार्थ पाण्डेय अपने माता पिता की इकलौते बेटे थे ... और एक bahan के इकलौते भाई !
वो allahabad के थे .. inke पिता श्री अभय नारायण पाण्डेय IIT गोंडा में finance अफसर hain !
उन हजारो लोगो के साथ हमारी संवेदनाये इस शोकाकुल परिवार के साथ है..!
आपको उन हजारो हाथे से सलाम और हजारो सिरों को झुका कर नमन है ....!
आप सौ बार इस दुनिया में जनम लेवे.........!!
जुगो जुगो तक आप की वीरता याद करेंगे..
उन हजारो हाथे से चरणों में सुमन अर्पित करेंगे..!
हर बार भिगेंगी पलके हमारी ...
आप जब जब ज़माने को याद आएंगे ...!!
us mahan shahid ko shat hat naman.....
जवाब देंहटाएंaise log hamesha jinda rahte hain....
सच में मेरा भी नमन उन शहीदो को जिन्होंने हजारो जाने बचाई..
जवाब देंहटाएंनमन ऐसे जांबाज़ शहीदों को ..
जवाब देंहटाएंaansuon se naman
जवाब देंहटाएंशत- शत नमन...
जवाब देंहटाएंJi Arvind ji...
जवाब देंहटाएंankho me anshu de gaye o sabke..!!
Blog visit ke liye thanx maheswari mata ji.
जवाब देंहटाएंHazaro nam us shahid ko mera bhi...!
Ji sangeeta Mam
जवाब देंहटाएंdesh in shahido ko hamesa yad karega.
Rashmi di,
जवाब देंहटाएंsabko rula gaye oo...!
bas jab jab yad ayenge....ye sir jhuk jayega.
Har bar naman us shahid ko shushma ji.
जवाब देंहटाएंनमन ऐसे जांबाज़ शहीदों को ..
जवाब देंहटाएंशत- शत नमन जांबाज़ शहीदों को ..
जवाब देंहटाएंmujhe garv hai desh ke shhidon par....bahut sarthak likha hai
जवाब देंहटाएंमेरा भी शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि.
जवाब देंहटाएंसमय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
इन हवाई जहाजों ने बहुत से देश भक्त खो दिये है। फ़िर भी इन्हे उडाने की रोक/मनाही नहीं हो रही है। अब ये 20-22 साल पुराने जहाज नहीं, कबाडा हो चुके है।
जवाब देंहटाएंravi ji
जवाब देंहटाएंwaqai bahut hi dil ko dahla dene wali ghatna ghatit hui hai par un shaheed siddhartji ko jinhone jo koushalta ka parichay diya hai vah sabke gahan karne yogy hai.aise veer aur karmath siddharth ji ko koti koti naman aur jo bhi unme yatri jan the unko bhi shrddha -suman man se arpit karti hun.
iswar in sab logo ke parivari jano ko is bhayanak hadse ko sahan karne ki shakti pradan karen.
shubh kamnao ke saath
poonam
meri akhoein mei anshu aa gaye, mai bhi us veer ko salam karti hu, jis ne apni jaan ki parwaah na karte hue , dusro ki jaan bacha li , sat sat naman
जवाब देंहटाएंनमन ऐसे जांबाज़ शहीदों को ..
जवाब देंहटाएं