इस नफरत की दुनिया में, कौन अपना कौन बेगाना है ?
जब खुदा ने तोडा है भरोसा मेरा , फिर किसे आजमाना है
अब वो चेहरा घुमाकर गुजर जाते हैं बगल से
कहते थे जो , ये दिल आपका दीवाना है
ये फूल कलियाँ वो चाँद सितारे, बैठते थे आकार पास हमारे
अब ये भी उखड़े - उखड़े हैं, बेरंग सारा जमाना है !
क्यों सजा रखे हो दर्दो की दुकान मेरे रकीबो ?
बाहें खुली है शाकी की , और सामने मयखाना है !
मोहब्बत जताना , दो पल हँसा कर उम्र भर रुलाना
मत पूछ मेरे महबूब का ये अंदाज बहुत पुराना है!
इरादा तो उनका पहले से था, आइना तोड़ने का रवि
ओह! हाथ से छुट गया , ये तो एक बहाना है !
बढ़िया.....कुछ वर्तनी की अशुद्धियां हैं टाइप करते वक्त रह जाती हैं ठीक कर लीजिएगा....
जवाब देंहटाएंआप भी आइए....
bahut umda gazel.
जवाब देंहटाएंThanx veena ji..
जवाब देंहटाएंBlog agman ke liye aur gazal pashand karne ke liye ... abhar anamika ji.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखा है मित्र
जवाब देंहटाएंसादर
Abhar yashwant ji.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत जताना ,दो पल हँसा कर उम्र भर रुलाना
जवाब देंहटाएंमत पूछ मेरे महबूब का ये अंदाज बहुत पुराना है!
वाह बहुत शिद्दत से से आपने अपने मन की भावनाओं को अभिव्यक्त किया है ....ग़ज़ल का हर शेर लाजबाब है .....मेरे ब्लॉग पर आकर उत्साहवर्धन के लिए आपका आभार
Thanx Kewal bhaiya..
जवाब देंहटाएंapke yaha pakar hame khusi hui...!
bas apna ashirvad banaye rakhiye.
Abhar
ravi ji
जवाब देंहटाएंbahut hi behreen gazal .
lagta har panktiyan dil ki gali se nikal hi padi hain .
मोहब्बत जताना ,दो पल हँसा कर उम्र भर रुलाना
मत पूछ मेरे महबूब का ये अंदाज बहुत पुराना है!
bas ---WAH-WAH-- karne ko dil karta hai .
bahut bahut badhai
poonam
बहुत ही सुंदर,
जवाब देंहटाएंबधाई,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
Apka bahut - bahut sukriya is WAH--WAH ke liye.
जवाब देंहटाएंsach pahichana apne poonam ji,
ye kalam mere dil ki galiyo se hi hokar gujari hain...!
apka abhar
Thankx vivek ji.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत जताना ,दो पल हँसा कर उम्र भर रुलाना
जवाब देंहटाएंमत पूछ मेरे महबूब का ये अंदाज बहुत पुराना है!
वाह...... बहुत अच्छा लिखते हैं आप... पूरी रचना शानदार है .....मेरे ब्लॉग पर आकर उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत - बहुत आभार......
Sukriya Sandhya ji ..... :):)
जवाब देंहटाएंक्यों सजा रखे हो दर्दो की दुकान मेरे रकीबो ?
जवाब देंहटाएंबाहें खुली है शाकी की, और सामने मयखाना है !
खूबसूरत गज़ल .....
Dil se sukriya dr. Sahiba :):)
जवाब देंहटाएंअब वो चेहरा घुमाकर गुजर जाते हैं बगल से
जवाब देंहटाएंकहते थे जो , ये दिल आपका दीवाना है... bahut hi badhiyaa .
Thanx didi.. :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है आपने ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंअब वो चेहरा घुमाकर गुजर जाते हैं बगल से
जवाब देंहटाएंकहते थे जो , ये दिल आपका दीवाना है...
वाह ... बहुत खूब कहा है ..
Bahut-2 dhanyabad SADA ji.. :)
जवाब देंहटाएंAbhar !
Apka bahut-2 Abhar Nootan ji..
जवाब देंहटाएंGazal pashand karne ke liye aur blogg follow karne ke liye.
Abhar
खूबसूरत गज़ल .....
जवाब देंहटाएंहर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन..... शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंअस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
जवाब देंहटाएंआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
Bade Bhaiya Baskar ji..
जवाब देंहटाएंSabse pahle ap apne swasth ka pura khayal rakhen.
comments to bad me bhi diye ja sakte hain..!
in sab ke bich bhi waqt nikal kar ap blogg par aye.. iske liye bahut-2 Abhar
रवि जी...अच्छी गज़ल है ..दूसरा शेर मुझे बहुत अच्छा लगा...साथ ही साथ सच्चा लगा
जवाब देंहटाएंJi sukriya Nidhi ji...!
जवाब देंहटाएंapne sher ki panktiyo ko bahichana..!
Hame khusi hui...!
Abhar
दिल की बिसात क्या थी,निगाहेजमाल में
जवाब देंहटाएंआईना था टूट गया ,देख-भाल में
Aha...
जवाब देंहटाएंkya khoob kaha nigam ji..!
इरादा तो उनका पहले से था, आइना तोड़ने का रवि
जवाब देंहटाएंओह! हाथ से छुट गया , ये तो एक बहाना है !
bahut khub
rachana
waah... bahut hi umda gazal...
जवाब देंहटाएंsaare sher apne aap mei behtareen... par aakhiriwala to bas... waaaah...
Bahut-2 Dhanyabad Rachna Ji...
जवाब देंहटाएंGazal pashand karne ke liye...!
Bahut-2 Sukriya POOJA ji
जवाब देंहटाएंSach puchhiye to akhiri line mujhe bhi behad pashand hi.
Ap ne gazal ke bhawo ko samjha mera likhna safal huwa.
Abhar
Thanx Sushma ji.. :):)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रवि....वर्तनी पर जरा ध्यान दो...जैसे भरोषा = भरोसा...आदि. शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंThanx Sir.... :):)
जवाब देंहटाएंरवि मेरे ब्लांग में आने के लिए धन्यवाद.तुम्हें भी जन्मदिन की बधाई..गजल बहुत प्यारी है...
जवाब देंहटाएंThanx Mata ji..
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है आपने ... बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंBahut-2 Dhanybad Amar ji,
जवाब देंहटाएंBlogg agman ke liye Abhar. :)
खूबसूरत गज़ल ....
जवाब देंहटाएंThanx Niwedita ji.. :)
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गज़ल .....
जवाब देंहटाएंAbhar
जवाब देंहटाएंBhaskar bhaiya..!
dubara agman ke liye.....
abhi apse durbhasha par hui bat-chit se bahut khusi mili.
bahut khubsurat :)
जवाब देंहटाएं"सपनों की शाम" नहीं होती दोस्त ये प्यार भी एक बार नहीं, बार बार होता है -
जवाब देंहटाएंतू है हरजाई तो अपना भी यही दौर सही ,
तू नहीं और सही और नहीं, और सही .
प्रकृति का मानवीकरण करती बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है आपने हुज़ूर ,जुग जुग जियो -बस वर्तनी पर तवज्जो दो .
http://sb.samwaad.com/
फूल ,दूकान ,साकी ,छूट /छुट ,कृपया शुद्ध रूप मीटर के मुताबिक़ लिख लें .प्यार ,इतना च्छा लिखते हो .बधाई .
जवाब देंहटाएंफूल ,दूकान ,साकी ,छूट /छुट ,कृपया शुद्ध रूप मीटर के मुताबिक़ लिख लें .प्यार ,इतनाअच्छा लिखते हो .बधाई
जवाब देंहटाएंAbhar Sir ji,
जवाब देंहटाएंYe sach hi ki sapno ki kabhi sham nahi hoti..!!
par ham apni har sham sapno me jeete hain..!
bas itna sa matlab hi blogg shirshak ka,,,!!!
Bas u hin... sikhate rahiye sir ji...
जवाब देंहटाएंkux tiping & kux dhyan na ane se rah jati hain.
ham inhe sudharge...!
Abhar..!!
kya kahu mere pass sabad nahi hai,
जवाब देंहटाएंirada to unka pehle se hi tha, aaina todne ka ravi,
oh hath se chut gaya, ye to ek bahana hai...