गंगा
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गंगा !
तुम परंपरा से बंधकर बहती,
स्त्री तो हो
किंतु परंपरा से अलग जाकर
अबला अर्थ नहीं वहन करती
वो रुपवती धारा हो
जिसका वेग
कभी लुप्त नहीं होता ।...
1 महीना पहले
" ये शाम आपके नाम है और हम यहाँ आपका दिल से स्वागत करतें हैं.."
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
जवाब देंहटाएंSushma ji apke agman se dil prashn huwa..!
जवाब देंहटाएंHardik Abhinandan.